कोरोना सही होने के बाद साइड इफ़ेक्ट

 कोरोना ने बनाया सैकड़ों मरीजों को ‘भुलक्कड़

कोरोना वायरस लोगों को भुलक्कड़ भी बना रहा है। वायरस से उबरे लोगों की याददाश्त कमजोर हो रही है। हर उम्र के लोगों में यह समस्या देखने को मिली है। कम उम्र के लोगों में धीरे-धीरे याददाश्त की कमजोरी में सुधार देखने को मिला, जबकि पुराने बीमारी से जूझ रहे लोगों में यह समस्या गंभीर बनी हुई है। मरीज रोजमर्रा की चीजों को भी भुलने लगे हैं।

मंगलवार को अल्जाइमर जागरूकता दिवस है। केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में अब तक 100 से अधिक मरीज आ चुके हैं। कोविड को हराने के बाद इन लोगों में भूलने की समस्या पैदा हुई है। केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. आर्दश त्रिपाठी के मुताबिक कोरोना वायरस शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। नतीजतन मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है।

शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जबकि शरीर में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत दिमाग को पड़ती है। शरीर की करीब 25 प्रतिशत ऑक्सीजन दिमाग को जरूरत पड़ती है। इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से दिमाग की कोशिकाएं (न्यूरांस) को प्रभावित करता है। इससे मरीज में भूलने की समस्या पैदा होती है। ओपीडी में कई ऐसे मरीज आए हैं। 



बीमारी के लक्षण

● सोचने समझाने की ताकत कम होना

● ध्यान या मन न लगना ● एकग्रता की कमी ● योजना बनाने व उसे लागू करने में अड़चन।

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